2016-17 के बजट पर चर्चा: सामाजिक क्षेत्र

सामाजिक क्षेत्र: समाज के कमजोर वर्गों के विकास के मायने में सामाजिक क्षेत्र अहम हो जाता है।

आइये सबसे पहले बुनियादी आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं क्योंकि आकंड़े इस बात का आईना होते हैं कि सरकार ने किस तरह से बड़ी आबादी के व्यापक हितों को योजनाओं के तहत साधा है।

  • शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सहित सामाजिक क्षेत्र के लिए 1,51,581 करोड़ रुपये का आबंटन।
  • भारत की जनसंख्या के एक तिहाई हिस्से को नई स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ा गया।
  • 3000 मेडिकल स्टोर्स को प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत खोले जाने का ऐलान।
  • सभी बीपीएल परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन दिया जाना।
  • देशभर के जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं प्रदान करने के लिए नेशनल डायलिसिस सर्विस शुरू करने की घोषणा।

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मुख्य बिंदु

#1. जेनेरिक दवाएं

सरकार ने प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत वर्ष 2016-17 के दौरान  3,000 नए दवा स्टोर खोल उनके माध्यम से जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करना सुनिश्चित किया है। यानी लोगों को सस्ती कीमतों पर अच्छी दवाएं उपलब्ध होंगी। फार्मा सेक्टर का विकास इसी से जुड़ा पहलू है।

#2. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाएं

सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को उद्यमी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। सरकार ने इस वर्ग को सक्षम बनाने के लिए स्टैंडअप इंडिया योजना की पहल की है। इस योजना के चलते इस वर्ग के 2.5 लाख लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा साथ ही इन दोनों वर्ग के उद्यमियों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/ जनजाति केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस योजना से प्रत्‍येक श्रेणी के एक उद्यमी के लिए प्रति बैंक शाखा कम से कम ऐसी दो परियोजनाओं को मदद मिलेगी। इस योजना से कम से कम 2.5 लाख उद्यमियों को लाभ मिलेगा।

#2. उद्यमियता- एससी/एसटी और महिलाएं

सरकार का उद्योग संघों और सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम मंत्रालय की भागीदारी में राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति केन्‍द्र की स्थापना करने का प्रस्‍ताव है। यह केन्‍द्र अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को केन्‍द्र सरकार की खरीदारी नीति 2012 के अधीन अपनी जिम्‍मेदारी पूरी करने के लिए वैश्विक सर्वश्रेष्‍ठ कार्य विधि अपनाने और स्‍टैंड अप इंडिया पहल का लाभ उठाने के लिए पेशेवर मदद उपलब्‍ध कराएगा।

नए कदम

स्वास्थ्य बीमा देश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग हर साल कई खतरनाक बीमारियों और आकस्मिक हादसों मे मारे हैं।  एक नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में परिवार प्रति 1 लाख रुपए के लिए स्वास्थ्य कवर प्रदान किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपये तक एक अतिरिक्त टॉप-अप पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा।  

स्वास्थ्य देखभाल

इस समय देश मेें कई सुदूरवर्ती इलाकों के लोग स्वास्थ केंद्रों पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। उनका डायलिसेस ही नहीं हो पाता है। गुर्दे खराब होने की स्थिति में  रोगियों को नियमित जांच की जरूरत होती है। सरकार ने इस संबंध में पीपीपी मोड के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक ‘राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया है।

रसोई गैस

बीपीएल परिवारों को सरकार सब्सिडी देकर गैस कनेक्शन मुहैया कराएगी।  इस घोषणा से 2016-17 में लगभग 1.5 करोड़ बीपीएल परिवारों को फायदा होगा। सरकार देश में रसोई गैस को पूरे देश में सर्व सुलभ कराने की हिमायती है। इससे काफी हद तक उन गरीब महिलाओं और बीपीएल परिवारों के लोगों को फायदा होगा जिनके परंपरागत चूल्हों खाने बनाने से सेहत पर खराब असर पड़ता है।

आलोचना

  • स्वास्थ्य नीति के लिए सरकार की समग्र सोच क्या है इस पर बजट में कोई रोशनी नहीं डाली गई है। हालांकि इसमें बीमा सेक्टर पर काफी बढ़चढ़कर बातें कही गई हैं लेकिन उसकी अपनी सीमाएं हैं।  इसे सरकार की स्वास्थ्य नीति की ताकत नहीं कहा जा सकता।
  • नई बीमा योजना, नाम बदलकर महज राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का रूपांतरण लगता है।

 

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